पूरे वर्ष शरीर को ताकत देते हैं सर्दी के ये लड्डू
आयुर्वेद के अनुसार सर्दी ऋ तु आदान काल होता है। इसमें जो भी बल्य या टॉनिक के रूप में लड्डू या पाक खाते हैं वह पूरी तरह शरीर के उपयोग में आता है। पारंपरिक तरीके से बनने वाले इन लड्डुओं को खाने से पूरे वर्ष शरीर को शक्ति मिलती है। जानते हैं कुछ आयुर्वेदिक लड्डुओं के बारे में-
गोखरू के लड्डू
इससे न केवल शरीर मजबूत बनता बल्कि पाचन भी ठीक रहता है। यूरिन संबंधी परेशानी के साथ पथरी, गर्भाश्य संबंधी विकार और बुखार में लाभ मिलता है। त्वचा रोगों में भी आराम मिलता है।
विधि : एक किग्रा. आटे को 750 ग्राम देसी घी में भून लें। इसके बाद इसमें 200 ग्राम गोखरू पाउडर मिलाकर पकाएं। फिर इसमें 50 ग्राम कालीमिर्च और एक किग्रा. खांड मिलाकर लड्डू बना लें। सुबह एक लड्डू खाएं। गोखरू के लड्डू
इससे न केवल शरीर मजबूत बनता बल्कि पाचन भी ठीक रहता है। यूरिन संबंधी परेशानी के साथ पथरी, गर्भाश्य संबंधी विकार और बुखार में लाभ मिलता है। त्वचा रोगों में भी आराम मिलता है।
मेथी-दूध के लड्डू
गठिया, आमवात, जोड़ों की सूजन और दर्द में लाभ देता है। बुजुर्गों के लिए अच्छा है। इन्हें खाने से पाचनतंत्र दुरुस्त रहता है। पेट संबंधी परेशानियां नहीं होती हंै। कमजोरी भी दूर होती है।
विधि : 750ग्राम पिसी दाना मेथी को आधा किग्रा. दूध में रातभर भिगो दें। दूसरे दिन 1 किग्रा. आटे को 1 किग्रा. देसी घी में भूनें। इसके बाद मेंथी पेस्ट मिलाकर भूनें। 50 ग्राम कालीमिर्च और एक किग्रा. खांड से लड्डू बनाएं।
कच्ची हल्दी के लड्डू
कच्ची हल्दी रक्त को साफ करती है। इसमें एंटीसेप्टिक और एंटीबायोटिक गुण होते हैं। यह बीमारियों से लड़ती और लिवर को भी स्वस्थ रखती है। सर्दी-जुकाम व कैंसर में फायदेमंद है। गठिया रोगियों के लिए भी लाभदायक है।
विधि : 500 ग्राम कच्ची हल्दी को पीसकर पेस्ट बना लीजिए। अब इसे कढ़ाई में देसी घी के साथ हल्की आंच पर लगभग 30 मिनट तक भून लें। इसी तरह बेसन को भी अच्छे से भूनें। फिर इन्हें एक बर्तन में निकालकर अलग रख दीजिए। अब कमरकस और गोंद भी घी में भूनकर रख लीजिए। इलायची पीस लीजिए। अब सभी सामग्री को मिलाकर लड्डू बना लीजिए।
Source: Health