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इस मौसम में बिना शारीरिक गतिविधि के पसीना आता है तो गौर करें

पसीना आना शरीर की अहम प्रक्रिया है। शरीर के तापमान में संतुलन बनाए रखने का काम करता है पसीना। सामान्य तौर पर शरीर का तापमान 36.8 से 37.2 डिग्री सेंटीग्रेड या 98 से 98.8 डिग्री फैरनहाइट होना चाहिए। इस स्तर में थोड़ा बहुत उतार-चढ़ाव आना सामान्य है लेकिन ज्यादा स्तर ऊपर या नीचे हो जाए तो सतर्कता बरतें। सर्दी के मौसम में कुछ अहम वजहों से पसीना आता है। जैसे एक्सरसाइज करने के दौरान अंदरूनी अंगों का तापमान बढ़ जाता है जिसे कंट्रोल करने के लिए पसीना आता है। बेचैनी, घबराहट, चौंकना, तनाव, किसी प्रकार का डर या एकदम से ब्लड प्रेशर का स्तर असामान्य होने से खून की नलियों में रक्तसंचार तेज हो जाता है जो पसीने के रूप में दिखता है। इसके अलावा यदि थायरॉइड की बीमारी है तो टीएसएच लेवल के बढऩे से भी पसीना आता है।
शरीर की भिन्न प्रकृति
डॉ. सम्पूर्णानंद कॉलेज, जोधपुर के फिजिशियन डॉ. अरविंद जैन के अनुसार ज रूरी नहीं कि सर्दी के मौसम में पसीना न आए। हर व्यक्ति की शरीर की संरचना और प्रकृति अलग होती है। उनके व्यवसाय, उम्र, दिमागी कार्यक्षमता, भावनात्मक और कार्मिक स्तर में अंतर होता है। ऐसे में कुछ लोगों के शरीर का तापमान अधिक या कम भी हो सकता है। हो सकता है कि सर्दी के मौसम में भी किसी को जरूरत से ज्यादा पसीना आए। शरीर का तापमान 100-101 डिग्री फैरनहाइट या इससे ज्यादा हो तो सतर्क रहें।
तुरंत ये करें
ता पमान बढ़ता है तो एकदम ठंडे के बजाय सादा पानी में भीगे कपड़े से स्पंजिंग करें। वहीं शरीर का तापमान घटने पर यदि शरीर ठंडा पड़ जाए तो गर्म पानी में भीगी पट्टी को शरीर पर रखें। इसके अलावा कमरे में हीटर चला सकते हैं या कंबल ओढ़ सकते हैं। स्थिति में सुधार न हो तो सेकंड ओपिनियन लें।
ध्यान दें
अकारण यदि पसीना आए तो बिना लापरवाही बरते डॉक्टरी परामर्श जरूर लें। पहचान के बाद चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार इलाज लें ।



Source: Health

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