दिल्ली विधानसभा चुनावः हाॅट सीटों पर रोचक मुकाबला, आ सकते हैं चौंकाने वाले परिणाम
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी चरम पर है। राजनीतिक दलों के बीच जीत के लेकर जोर आजमाइश जारी है। ऐसे में हर बार की तरह इस बार भी राजनीतिक दलों के लिए दिल्ली की एक-एक विधानसभा सीट काफी अहम रहने वाली है। खासतौर से हाॅट सीटों पर तो बेहद रोचक मुकाबले की उम्मीद है। आइए जानते है दिल्ली विधानसभा की हाॅट सीटों पर किस-किस की प्रतिष्ठा दांव पर है।
नई दिल्ली
यह सीट राजनीतिक दृष्टि से हमेशा से महत्वपूर्ण रही है। विधानसभा के गठन के बाद से ही लुटियंस जोन का यह क्षेत्र काफी चर्चित रहा है। साल 2008 में हुए परिसीमन के पूर्व इस सीट का नाम गोल मार्केट था। साल 1993 में इस सीट पर भाजपा ने क्रिकेटर से राजनेता बने कीर्ति आजाद को टिकट दिया था। आजाद ने सभी को चौंकाते हुए इस सीट पर जीत हासिल की थी। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार ब्रजमोहन को हराया था। इसके बाद से ही भाजपा को इस सीट पर जीत नसीब नहीं हो सकी है। 1998 के बाद कांग्रेस की नेता शीला दीक्षित ने लगातार तीन जीत हासिल की। यहीं से जीतकर वह लगातार तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री भी रहीं। 1998 में उन्होंने भाजपा के कीर्ति आजाद को ही करारी शिकस्त दी थी।
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परिसीमन के बाद इस सीट का नाम नई दिल्ली विधानसभा सीट रखा गया। इस सीट पर सबसे दिलचस्प मुकाबला साल 2013 में हुआ था। जब नई नवेली पार्टी के नए नवेले संयोजक अरविंद केजरीवाल ने तीन बार की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को करारी शिकस्त दे डाली। इसके बाद साल 2015 में हुए चुनाव में भी केजरीवाल ने इसी सीट से बड़े अंतर से कांग्रेस के पूर्व मंत्री किरण वालिया को हराया था। इस बार केजरीवाल को बीजेपी प्रत्याशी सुनील यादव तो कांग्रेस के रोमेश सभरवाल टक्कर दे रहे है।
पटपड़गंज
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पटपड़गंज विधानसभा क्षेत्र से इस बार भी आप प्रत्याशी हैं। आम आदमी पार्टी के लिए यह एक मजबूत सीट है। 2015 विधानसभा चुनाव की बात करें तो आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार मनीष सिसोदिया ने 28 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से बीजेपी के विनोद कुमार बिन्नी को हराया था। इससे पहले 2013 के विधानसभा चुनाव में भी आप उम्मीदवार मनीष सिसोदिया ही जीते थे। हालांकि इससे पहले लगातार तीन बार से कांग्रेस के उम्मीदवार जीतते रहे हैं। जबकि 1993 के पहले विधानसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी को जीत मिली थी। इस बार पटपड़गंज सीट से कांग्रेस ने लक्ष्मण रावत तो बीजेपी ने रवि नेगी उम्मीदवार बनाया है।
शकूर बस्ती
दिल्ली के हाई-प्रोफाइल सीटों में से एक सीट है शकूर बस्ती विधानसभा सीट। अरविंद केजरीवाल कैबिनेट के मंत्रियों में से एक सत्येंद्र जैन शकूर बस्ती विधानसभा सीट का ही प्रतिनिधित्व करते हैं। खास बात यह है कि यह दिल्ली की ऐसी चंद सीटों में शामिल है जहां पर अब तक भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) तीनों ही दलों ने 2-2 बार जीतें हासिल की हैं। 2015 में इस सीट पर मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी के सत्येंद्र जैन और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एससी वत्स के बीच था। कांटे के मुकाबले में सत्येंद्र जैन की जीत हुर्इ थी। इस बार भी जैन आैर वत्स के बीच ही कड़ा मुकाबला है।
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बाबरपुर
दिल्ली विधानसभा की बाबरपुर सीट भी काफी अहम है। पिछले चुनाव में आम आदमी पार्टी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए जीत हासिल की थी। इस बार फिर से आप के सामने रिकॉर्ड कायम रखने की चुनौती होगी। बाबरपुर सीट की बात करें तो यहां पिछले चुनाव में आप ने अच्छी जीत हासिल की थी। पार्टी के प्रभावी नेता गोपाल राय ने भारतीय जनता पार्टी के नरेश गौर को हराया था।2013 के चुनाव में नरेश गौर ही जीते थे। लिहाजा इस बार फिर से दोनों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है। हालांकि कांग्रेस प्रत्याशी अनविक्ष त्रिपाठी भी इस बाद दमदार उम्मीदवार माने जा रहे हैं।
रोहिणी
रोहिणी विधानसभा सीट भी इस बार हाॅट सीटों में शुमार है। 2015 में अन्ना लहर के बावजूद भारतीय जनता पार्टी इस सीट के बचाने में कामयाब रही थी। यहां के बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता आप प्रत्याशी को मात देने में सफल रहे थे। इस बार भी बीजेपी ने विजेंद्र गुप्ता को मैदान में उतारा है। आप की नजर इस सीट पर हर हाल में जीत दर्ज कराने की है। इस रोहिणी सीट पर आप ने राजेश बंसीवाला तो कांग्रेस ने सुमेष गुप्ता को मैदान में उतारा है।
मॉडल टाउन
मॉडल टाउन से बीजेपी ने कपिल मिश्रा को टिकट देकर बड़ा दांव खेला है। आम आदमी पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए मिश्रा दिल्ली सरकार और केजरीवाल पर लगातार हमलावर रहे हैं। कांग्रेस ने पूर्व विधायक कुंवर करन सिंह की बेटी आकांक्षा ओला को टिकट दिया है। आम आदमी पार्टी से इस सीट पर 2 बार के विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी को मौका एक बार फिर मैदान में उतारा है। एक तरफ जहां अखिलेश त्रिपाठी अपनी सीट बरकरार रखने के लिए जीत हासिल करना चाहते हैं तो दूसरी तरफ ये चुनाव कपिल मिश्रा के लिए कर्इ मायनों में खास है। एेसा इसलिए 2015 में वो आप के टिकट पर करावल नगर से जीते थे। इस बार वो माॅडल टाउन सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।
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कृष्णा नगर
कृष्णा नगर सीट इस बार खास है। एेसा इसलिए कि इस बार इस सीट से लक्ष्मी नगर की सीट से 4 बार चुनाव जीते पूर्व मंत्री डाॅ. अशोक वालिया यहां से चुनावी मैदान में हैं। 2013 और 2015 में आम आदमी पार्टी की आंधी इस सीट पर चली थी। इस बार वह लक्ष्मी नगर के स्थान पर बगल की कृष्णा नगर सीट से मैदान में हैं। कृष्णा नगर सीट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार एसके बग्गा हैं। बग्गा ने 2015 के चुनाव में बीजेपी की सीएम उम्मीदवार किरन बेदी को हराया था।
कालकाजी
कालकाजी सीट पर भी इस बार रोचक मुकाबला देखने को मिल रहा है। दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा की बेटी शिवानी चोपड़ा को पार्टी ने टिकट दिया है। शिवानी के खिलाफ आम आदमी पार्टी की ओर से आतिशी उम्मीदवार हैं। आतिशी ने 2019 में ईस्ट दिल्ली से लोकसभा चुनाव भी लड़ा था, लेकिन वह जीत नहीं सकीं।
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राजेंद्र नगर
राजेंद्र नगर में आम आदमी पार्टी की ओर से राघव चड्ढा को उम्मीदवार बनाया गया है। यहां से बीजेपी ने सिख उम्मीदवार आारपी सिंह को टिकट दिया है। सिंह ने 2013 का चुनाव जीता था, लेकिन 2015 में हार गए। आप ने सिटिंग एमएलए का टिकट काटकर चड्ढा को टिकट दिया है। आतिशी की ही तरह चड्ढा भी लोकसभा उम्मीदवार थे, लेकिन चुनाव नहीं जीत सके। कांग्रेस ने यहां से पूर्व डूसू प्रेजिडेंट रॉकी तुसीद को टिकट दिया है।
चांदनी चौक
चांदनी चौक में एक बार फिर 2015 जैसा नजारा ही दिख रहा है। इस बार उम्मीदवारों ने पार्टी बदल ली है। कांग्रेस के पूर्व विधायक प्रहलाद सिंह सावहने इस बार आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। पिछली बार आप के टिकट से विधायक बनीं अलका लांबा कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़ रही हैं। 2015 में अलका ने पार्टी से मतभेद के बाद कांग्रेस छोड़ आप का दामन पकड़ा था। बीजेपी ने पूर्व विधायक प्रद्युमन सिंह राजपूत को यहां से उतारा है।
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गांधी नगर, कृष्णा नगर और बल्लीमारान
इन तीनों ही सीटों पर कांग्रेस ने दिल्ली में अपने बड़े चेहरे को उतारा है। अरविंदर सिंह लवली गांधी नगर से उम्मीदवार हैं जबकि अशोक कुमार वालिया कृष्णा नगर और हारून यूसुफ बल्लीमारान से इस बार मैदान में हैं। बीजेपी ने गांधी नगर से पूर्व आप उम्मीदवार अनिल कुमार बाजपेयी को उतारा है। 2013 में लवली अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे थे, लेकिन 2015 में वह चुनाव से दूर रहे।
Source: Education