Health Research : इस तरह के लोग क्यों जीते हैं लंबी उम्र
सप्ताह में 150 मिनट की स्पोट्र्स गतिविधि जरूरी है। ये इंडोर व आउटडोर दो प्रकार की होती है।
हाई इम्पैक्ट एक्सरसाइज
इसमें शरीर के ऊपरी हिस्से की कम, पैरों की एक्सरसाइज ज्यादा होती है। आउटडोर स्पोट्र्स में फुटबाल, हॉकी, टेनिस, बास्केटबॉल व रनिंग होती है। इनडोर में बैडमिंटन, स्क्वॉश जैसे खेल शामिल हैं।
लो इम्पैक्ट इक्सरसाइज
इसमें शरीर के ऊपरी हिस्से की गतिविधि ज्यादा और पैरों संबंधी गतिविधि कम होती है। आउटडोर में गोल्फ, स्केटिंग व इंडोर में जिमिंग, स्विमिंग शामिल है। ये स्पोट्र्स गतिविधि व्यक्ति की सेहत व शरीर पर निर्भर करती है।
ऐसे करें 15 मिनट वार्मअप
खेल या वर्कआउट से पहले 15 मिनट का वार्मअप जरूरी है। जोड़ों व मांसपेशियों को स्ट्रेच करें। इससे मूवमेंट वाले अंगों की गतिशीलता, क्षमता बढ़ेगी। खेल से पहले हार्ट रेट बढऩे से प्रदर्शन में मदद मिलती है। बिना वार्मअप स्पोट्र्स इंजरी की आशंका बढ़ती है।
खाली पेट न करें कोई एक्टिविटी
करें। इससे कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं। स्पोट्र्स एक्टिविटी से 30 मिनट पहले कार्बोहाइड्रेट व ग्लूकोज युक्त चीजें लेनी जरूरी होती हैं। साथ ही जरूरत के अनुसार तरल पदार्थ भी ले सकते हैं, लेकिन एक साथ ज्यादा पीने से बचें।
खेलने के क्या हैं और फायदे
1- वजन नियंत्रित रहता है, मसल्स व हड्डियां मजबूत होती हैं। नींद भी अच्छी आती है।
2- ब्लड में एचडीएल (हाई-डेंसिटी लेपोप्रोटीन) बढ़ाता है, स्ट्रेस, हृदय रोगों की आशंका घटती है।
3- हाइपरटेंशन, डायबिटीज, डिप्रेशन, गठिया, जीवनशैली संबंधी अन्य बीमारियों से बचाव होता है।
4- शरीर विटामिन डी अच्छे से अवशोषित करता है।
अपने मन से खेलेंगे तो हो सकती है दिक्कत
1- खेलों के अनुसार ड्रेस-जूतों का चयन करें
2- स्पोट्र्स से पहले वार्मअप व बाद में कूल डाउन करें
4- खेलने से पहले व बाद डाइट का भी ध्यान रखें विशेषज्ञ की निगरानी व प्रशिक्षण बिना न खेलें
5- दर्द या चोट की स्थिति में पूरी तरह आराम करें
6- गलत तरीके से खेलने पर हृदय संबंधी समस्या हो सकती है। स्पोट्र्स इंजरी की आशंका बढ़ती है।
क्या होता है मसल्स फीवर
स्पोट्र्स गतिविधि की शुरुआत में अपने मन से अभ्यास करने से मांसपेशियों में खिंचाव व दर्द हो सकता है। जरूरत से ज्यादा शारीरिक गतिविधि से मांसपेशियों पर दबाव ज्यादा बढऩे से इनमें बार-बार खिंचाव होता है। इस कारण मांसपेशियों में दर्द बढ़ता है। इसका वार्मअप व कूल डाउन यदि सही तरीके से नहीं होता है तो मांसपेशियों में दर्द बढ़ता है। इससे बुखार भी आ सकता है। इसे मसल्स फीवर कहते हैं। इस स्थिति में तुरंत स्पोट्र्स फिजिशियन की परामर्श लेनी जरूरी होती है।
उम्र की कोई सीमा नहीं
स्पोट्र्स के लिए कोई तय उम्र नहीं होती है। शरीरिक स्थिति के अनुसार खेल सकते हैं। कोई भी खेल गतिविधि से पहले बॉडी फिटनेस की जांच की जाती है। फिटनेस के बिना अपने मन से कोई खेल खेलना खतरनाक हो सकता है। शोधों में साबित हो चुका है कि स्पोट्र्स बच्चों की अच्छी ग्रोथ व बढ़ती उम्र को रोकने व बुजुर्गावस्था में बीमारियों से दूर रखने में मदद करती है।
Expert : डॉ. राजेंद्र के अहिरे, ऑथोपेडिक सर्जन, बीआरए, मेमोरियल हॉस्पिटल, रायपुर
Source: Health