LATEST RESEARCH : जीभ पर चर्बी जमा होने से क्यों आते हैं खर्राटे
जानिए…स्लीप एप्निया खतरनाक क्यों है
स्लीप एप्निया में नींद के दौरान सांस लेने में रुकावट आती है। सोते समय अचानक जाग जाना, गले में खराश, सुबह उठने के बाद सिरदर्द, एकाग्रता में कमी, स्वभाव में परिवर्तन, उ’च रक्तचाप, रात में पसीना आना प्रमुख लक्षण है। इससे रक्त में ऑक्सीजन घटती है। दिमाग के सफेद भाग की कोशिकाओं की क्षति हो सकती है। यह ऊपरी वायुमार्ग के छोटा होने, जीभ बड़ी व मोटी होना भी वजह है।
गंभीरता व लक्षण से पहचानें बीमारी
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया : जब मस्तिष्क श्वास से जुड़ी मांसपेशियों को सांस लेने के लिए संकेत देता है लेकिन श्वास नलिकाओं में किसी भी वजह से सांस लेने में रुकावट आती है।
सेंट्रल स्लीप एप्निया : जब मस्तिष्क श्वास मांसपेशियों को सांस लेने का निर्देश नहीं देता है तो वे भी सक्रिय नहीं होती हैं। सांस लेने में दिक्कत होती है।
मिक्सड स्लीप एप्निया : सेंट्रल व ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एप्निया की समस्याएं एक साथ हो जाएं तो इसे मिक्सड स्लीप एपनिया कहते हैं। यह गंभीर स्थिति मानी जाती है।
35 की उम्र के बाद समस्या गंभीर
सामान्यत: 15 साल से अधिक उम्र के लोगों नींद से जुड़ी समस्या के शुरुआती लक्षण दिखने लगते हैं। &5 की उम्र के बाद ये बीमारी गंभीर रूप ले सकती है। एक सर्वे के मुताबिक देश में 10 में से एक व्यक्ति किसी न किसी तरह के नींद संबंधी विकार से पीडि़त है।
वजन बढऩे से समस्या बढ़ती
इसलिए गले में बढ़ता संकुचन : लंबाई के अनुसार 10 प्रतिशत वजन Óयादा है तो इससे जीभ की मोटाई बढऩे के साथ गले में संकुचन बढ़ता है। लंबाई के अनुसार वजन नियंत्रित रखकर समस्या से बच सकते हैं। नियमित योग व व्यायाम करें। 30 मिनट तक कार्डियो एक्सरसाइज व जॉग कर सकते हैं।
शराब, धूम्रपान से बचें : धूम्रपान व शराब के सेवन से बचें। ट्राइंक्विलाइजर जैसी दवाओं का सेवन करने से बचे इनका सेवन करने से श्वास मांसपेशियां और गले का पिछला भाग शिथिल हो जाता है, जिससे सांस लेने कि प्रक्रिया में हस्तक्षेप होता है।
सोते समय ध्यान दें : पीठ के बल सोने की बजाए पेट के बल या एक तरफ मुंह करके सोएं, पीठ के बल सोने के कारण जीभ और नरम तालु शिथिल होकर गले में पीछे की तरफ झुक जाते हैं, जिससे वायुमार्ग में रुकावट होती है।
एक्सपर्ट : डॉ. अमित गोयल, ईएनटी एक्सपर्ट, एम्स, जोधपुर
Source: Health