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Height Increase Tips: हाइट बढ़ाने के लिए जरूरी है अच्छी नींद, जाने क्यों

Height Increase Tips In Hindi: अच्छी हाइट की चाहत हर किसी को होती है। 14-18 साल के बीच सही खानपान व वर्कआउट से सामान्य हाइट पाई जा सकती है। इसके बाद लंबाई बढ़ाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। लेकिन कई बार देखने में आता है कि कई लोगों की लम्बाई किशोरावस्था में भी ज्यादा नहीं बढ़ती, इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। आइए जानते हैं लम्बाई बढ़ने से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में:-

लंबाई न बढ़ने के 4 प्रमुख कारण
पोषक तत्त्वों में कमी
शरीर में जरूरी तत्त्वों का अभाव जैसे प्रोटीन, कैल्शियम, मिनरल, आयरन व विटामिन अहम भूमिका निभाते हैं। इसलिए डेयरी उत्पाद, हरी पत्तेदार सब्जियां, दालें और मौसमी फल को डाइट में शामिल करें। जंकफूड व चाय-कॉफी से परहेज करें।

कई रोगों के कारण
कई बार ग्रोथ हार्मोन सही होने के बावजूद हाइट नहीं बढ़ती। जिसका कारण थायरॉइड हार्मोन, पिट्यूटरी ग्रंथि से निकले हार्मोन की कमी है। पेट में कीड़े होना, ट्यूबरक्लोसिस, सिलियक डिजीज, अवसाद या बचपन से किसी भी प्रकार की लंबी बीमारी भी वजह है।

बढ़ता तनाव
ग्रोथ हार्मोन का जुड़ाव दिमाग की पिट्यूटरी ग्रंथि से है। ऐसे में तनाव के कारण इस ग्रंथि की कार्यप्रणाली बिगड़ती है।

हार्मोन्स में गड़बड़ी
ग्रोथ हार्मोन के साथ कई बार थायरॉइड या एंडोक्राइन हार्मोन का स्तर संतुलित न होने से भी ऐसा होता है।

आनुवांशिकता भी एक वजह
कई बार आनुवांशिकता भी लंबाई न बढऩे का कारण बनती है। ऐसे में माता-पिता में से किसी एक की हाइट पर बच्चे की हाइट निर्भर होती है। जो कि जेनेटिक बदलाव के कारण होता है। कई बार जरूरी नहीं कि माता-पिता जितनी हाइट बच्चे की हो, परिवार के अन्य लोगों से मिलती-जुलती भी हो सकती है।

बेवजह दवा न लें
हाइट बढ़ाने के लिए ऐसी कोई दवाई, हार्मोन थैरेपी या वर्कआउट नहीं जो मनचाही हाइट दें। यह एक प्राकृतिक क्रिया है। इसलिए जरूरी है कि आप बेवजह दवाओं के चक्कर में न पड़े। इनसे ज्यादा नुकसान हो सकता है। जैसे, ग्रोथ हार्मोन टैबलेट का प्रयोग हाइट बढ़ाने के लिए आम है। इनकी ओवरडोज से कई बार लंबाई जरूरत से ज्यादा, सिरदर्द, दिमाग में पानी का प्रेशर बढ़ना, थायरॉइड डिसऑर्डर, जॉइंट पेन जैसे दुष्प्रभाव हो सकते हैं।

14-18 साल की उम्र में लंबाई बढ़ाने के लिए इन पर दें ध्यान

एक्सरसाइज: संतुलित डाइट के साथ ताड़ासन, सूर्यनमस्कार, वृक्षासन जैसे व्यायाम को नियमित करने से फायदा होता है। क्योंकि भोजन से मिलने वाला पोषण वर्कआउट या योग के दौरान मांसपेशियों व हड्डियों में अवशोषित हो जाता है। स्कीपिंग व साइक्लिंग भी मददगार होती हैं।

विटामिन-डी लें: इस तत्त्व के लिए सुबह के समय की धूप हड्डियों के विकास व मजबूती के लिए जरूरी है। इससे जिन हड्डियों का विकास किसी कारण से रुक जाता है, वे सक्रियता से काम करना शुरू कर देती हैं। रात के समय ग्रोथ हार्मोन रिलीज होते हैं, जिसके लिए पर्याप्त नींद लें।

उपयोगी औषधियां: अश्वगंधा या शतावरी चूर्ण की एक या आधी चम्मच की मात्रा दूध के साथ लेने से भी हड्डियों का विकास होता है।



Source: Health