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CASE STUDY : गॉल ब्लैडर सर्जरी के बाद क्या-क्या दिक्कतें होती हैं?

सवाल : पाचन के लिए गॉल ब्लैडर का क्या काम होता है?
एक्सपर्ट का जवाब : गॉल ब्लैडर यानी पित्ताशय की थैली की पाचन में महत्वपूर्ण भूमिका है। यह लिवर से आने वाले बाइल (पाचक रस) को स्टोर करती है लेकिन सर्जरी के बाद लिवर से निकलने वाला बाइल सीधे छोटी आंतों में चला जाता है। इससे लिवर व उसके बीच की प्रक्रिया में कुछ समय के लिए दिक्कत आ सकती है। मरीज को डायरिया भी हो जाता है। इसलिए गरिष्ठ चीजें न खाएं। आहार में फाइबर वाली चीजें ज्यादा लें। ओवरईटिंग से बचें।
सवाल : इसे कब निकलवाना चाहिए?
एक्सपर्ट का जवाब : गॉल ब्लैडर में स्टोन्स होने पर यदि पेट में तेज दर्द होता है और स्टोन्स का आकार तीन सेमी. से बड़ा है तो उसे तुरंत निकलवाना चाहिए। यदि किसी के परिवार में गॉल ब्लैडर कैंसर की हिस्ट्री है तो उसे भी निकलवा देना चाहिए।
सवाल : क्या छोटे स्टोन्स दवाओं से या स्वत: निकल सकते हैं?
एक्सपर्ट का जवाब : गॉल ब्लैडर के स्टोन दवा से या स्वत: नहीं निकलते हैं। छोटे स्टोन्स ज्यादा खतरनाक होते हैं। इससे पीलिया भी हो सकता है। यह कई बार नली में फंस जाते हैं, इससे पैंक्रियाज डैमेज हो सकती है। लंबे समय तक रहने से ये संक्रमण का भी कारण बनते हैं।
सवाल : सर्जरी के बाद क्या पैंक्रियाज पर कोई विपरीत असर पड़ता है?
एक्सपर्ट का जवाब : गॉल ब्लैडर की सर्जरी से पैंक्रियाज पर कोई विपरीत असर नहीं पड़ता है। पाचन तीन चीजों पर निर्भर करता है। पैंक्रियाज व अमाशय का रस सर्जरी के बाद भी सामान्य रहता है। गॉल ब्लैडर निकालने से कभी-कभी पाचन कुछ समय के लिए प्रभावित होता है। अपच होती है। यदि समस्या ज्यादा है तो पेट से जुड़े चिकित्सक को दिखाना चाहिए।
एक्सपर्ट : डॉ. आर. के. जैन, गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट, भोपाल



Source: Health