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मारुति-सुजुकी का फोकस टेक फ्रेंडली कारों पर

इंदौर. कोरोना महामारी के बाद देश में कारों की बिक्री में जोरदार इजाफा हुआ है। इस साल 30.70 लाख कारें बिकने की उम्मीद है। यानी बिक्री में पिछले साल से 16-17 प्रतिशत इजाफा होगा। खास बात एसयूवी कार का हिस्सा पिछले पांच साल में 16 से बढ़कर 40 प्रतिशत हो गया। खासकर युवा वर्ग इसे खूब पसंद कर रहा है। लोगों की आधुनिक तकनीक वाली कारों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए भविष्य में मारुति सुजुकी का फोकस प्रीमियम क्लास टेक फ्रेंडली कारों व एसयूवी पर रहेगा। वहीं कार बिक्री का भविष्य बहुत अच्छा है। बढ़ती मांग के बीच पर्यावरण का ध्यान रखते हुए कंपनी डीजल से तौबा कर पेट्रोल व सीएनजी कारें बनाएगी।

यह कहना है, मारुति सुजुकी के सीनियर एक्जीक्युटिव डायरेक्टर मार्केटिंग व सेल्स शशांक श्रीवास्तव का। उन्होंने पत्रिका से विशेष चर्चा में कहा, कोरोना लॉकडाउन के बाद स्थितियां सुधर रही हैं। बाजार में कारों की बिक्री में इजाफे का राज बताते हुए उन्होंने कहा, 6-7 प्रतिशत सालाना ग्रोथ होती है। इस साल 16-17 प्रतिशत है। बड़ा कारण कोरोना के बाद पर्सनल ट्रांसपोर्ट की डिमांड बढ़ी है। लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट या शेयर मोबिलिटी से दूर हो रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों से भी खूब मांग आ रही है। मारुति के पास हर श्रेणी के ग्राहक हैं। कस्टमर की सहूलियत व जरूरत के हिसाब से मारुति अपने मॉडल पेश कर रही है। एसयूवी को छोड़ दें तो बाजार में हमारी हिस्सेदारी 64 प्रतिशत है। श्रीवास्तव ने कहा, इलेक्ट्रिक व्हीकल का भविष्य अच्छा है, लेकिन हिस्सेदारी बहुत धीरे-धीरे बढ़ेगी। कंपनी इको फ्रेंडली नीति के तहत 2.40 हजार सीएनजी कारें बेचेगी। इनकी कीमत पेट्रोल से महंगी होगी, लेकिन डीजल से कम रहेगी। ग्राहकों का रुझान भी इस तरफ बढ़ रहा है। हमारा ध्यान प्रतिस्पर्धी कंपनियों से ज्यादा ग्राहक की मांग व पसंद पर है।
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मारुति 2025 तक इलेक्ट्रिक व्हीकल लाएगी

मारुति सुजुकी की इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति के बारे में श्रीवास्तव ने बताया, हमारा पूरा ध्यान इस पर है। 2025 में हम इलेक्ट्रिक मॉडल के साथ बाजार में आएंगे। विश्लेषकों के अनुसार 2028 तक इवी की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत होगी। उन्होंने बताया, इसकी दो वजह है, बैटरी की कास्ट अभी 110 डॉलर किलोवॉट प्रति ऑवर है। इसे 50-55 डॉलर तक लाने के प्रयास चल रहे हैं। दूसरा चार्जिंग स्टेशन का इंफ्रा बनने में भी समय लगेगा।

बेबाकी से दिए पत्रिका के सवालों के जवाब

सवाल – कोरोना के बाद मांग बढ़ी है, लेकिन चिप की समस्या के कारण उत्पादन में कमी का असर कब तक रहेगा?

जवाब – कोरोना लॉकडाउन के बाद चिप के कारण कार के उत्पादन में कमी आई है। अब धीरे-धीरे मांग और पूर्ति में अंतर कम हो रहा है। सितंबर में 40 प्रतिशत ही आपूर्ति थी। अब 93 प्रतिशत हो गई है। मार्च तक सप्लाय सामान्य होने की उम्मीद है।

सवाल – मांग में कारों के मॉडल को लेकर किस तरह का बदलाव देख रहे हैं?

जवाब – कार के लिए लोगों की पसंद में बड़ा बदलाव आया है। छोटी, कम बजट की कारें बिक रही हैं। हैचबेक कारों की हिस्सेदारी 45-46 प्रतिशत बनी हुई है। आश्चर्यजनक बदलाव एसयूवी सेग्मेंट में आया है। 4-5 साल में इसकी बिक्री 16 से 40 प्रतिशत हो गई। इसका असर सेडान सेग्मेंट यानी लंबी-लक्जरी गाडिय़ों पर आया है। उनकी हिस्सेदारी 24 से घटकर 9 फीसदी रह गई है। इसलिए मारुति भी इस पर काम कर रही है, जिमनी जैसे मॉडल जल्द बाजार में नजर आएंगे।

सवाल – मप्र के कार मार्केट का भविष्य कैसा है?

जवाब- प्रदेश में कार के लिए भविष्य अच्छा है। लोग कारें खरीद रहे हैं। पिछले साल 1.21 लाख कारों का विक्रय हुआ था। इसमें 48 प्रतिशत हिस्सेदारी मारुति की थी। इंदौर में मांग अच्छी है। इस साल यह संख्या 1.50 लाख पार कर जाएगी।

सवाल – युवाओं के लिए किस तरह का बदलाव ला रहे हैं?

जवाब – हमारा फोकस दोनों वर्ग पर है। टेक्नोलॉजी एडवांसमेंट के साथ फीचर ला रहे हैं। प्राइज सेंसेटिव वर्ग के लिए भी मॉडल इंप्रूव कर रहे हैं। 25 फरवरी को बलेनो का नया वेरिएंट लांच करेंगे। इसमें एचयूडी डिस्प्ले से स्पीड पर नजर रहेगी। 360 डिग्री कैमरा और इंफोटेनमेंट सिस्टम इसे बहुत ही एडवांस बना रहा है। यह युवाओं को खूब पसंद आएगी।

सवाल – सुरक्षा के लिए मारुति क्या कर रही है?

जवाब – मारुति के सभी मॉडल सुरक्षित हैं। हॉट टेक प्लेटफार्म-3 पर काम कर रहे हैं। इसमें टेंसाइल स्टील का प्रयोग किया जा रहा है। इसके अलावा कलर पर भी खूब रिसर्च करते हैं। ब्रांड के हिसाब से कैरेक्टर कलर बनाते हैं।



Source: Education