कॉलेज हॉस्टल में बिजली गुल, तीन घंटे प्राचार्य को अंधेरे में घेरकर बैठे रहे छात्र
कोटा. राजकीय कला महाविद्यालय के हॉस्टल का 22 लाख रुपए का बिजली का बिल जमा नहीं होने पर केडीईएल ने 11 मई को बिजली का कनेक्शन काट दिया। बिजली बहाल नहीं होने व बकाया जमा नहीं करने पर शनिवार को छात्रों का सब्र का बांध टूट गया और छात्रों ने प्राचार्य कक्ष में घुसकर जमकर हंगामा किया। छात्रों ने प्राचार्य कक्ष की बिजली व पंखे बंद कर दिए और तीन घंटे प्राचार्य को भी अंधेरे में बिठाए रखा और खुद भी धरना देकर बैठे रहे।दरअसल, राजकीय कला महाविद्यालय के छात्र रघुनाथ व जुबली हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। 11 मई से दोनों ही हॉस्टल में बिजली का कनेक्शन कटा हुआ है। इतनी भीषण गर्मी में विद्यार्थी परेशान है। उनकी परीक्षा भी नजदीक है। इससे वे पढ़ाई भी नहीं कर पा रहे हैं। कॉलेज प्रशासन को कई बार शिकायत दी, लेकिन कॉलेज प्रशासन ने बिजली बहाली पर कोई ध्यान नहीं दिया। इसके चलते शनिवार को विद्यार्थी आक्रोशित होकर प्राचार्य कक्ष में जा घुसे। प्राचार्य कक्ष की बिजली बंद कर दी और नारेबाजी कर धरने पर बैठ गए।
विद्यार्थियों का कहना था कि हम भी गर्मी से बेहाल है। प्राचार्य को भी गर्मी में ही बैठना पड़ेगा। इससे उन्हें भी पता चलेगा कि बिना बिजली के कैसे रहते है। इस दौरान प्राचार्य विद्यार्थियों से समझाइश करते रहे, लेकिन विद्यार्थी नहीं माने और विद्यार्थी व प्राचार्य के बीच तीखी-बहस होती रही। मामले के डेढ़ घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंची।
हॉस्टल बंद कर कॉलेज में मिलाने का आरोप
छात्र नेता मनीष मीणा ने बताया कि दोनों हॉस्टलों का लाखों का बिजली का बिल बकाया है। तत्कालीन व नए प्राचार्य ने कोई कार्रवाई नहीं की। प्राचार्य अब कह रहे कि मैंने आज केडीईएल को पत्र जारी किया है, जबकि केडीईएल ने 11 मई को ही बिजली कनेक्शन काट दिया। हॉस्टलों को बंद करने की साजिश रची जा रही है। क्योंकि कॉलेज में दस हजार विद्यार्थी है। कॉलेज के दो बड़े भवन हैं, लेकिन उसके बावजूद विद्यार्थी उसमें भी नहीं बैठ पाते हैं। कॉलेज प्रशासन चाहता है कि छात्रों को बाहर निकालकर हॉस्टल बंद कर कॉलेज में मिला लिया जाए, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे।
केडीईएल की समझौता समिति में जाएंगे
कॉलेज प्राचार्य संजय भार्गव ने बताया कि दोनों हॉस्टलों पर 22 लाख का बिजली का बिल बकाया है। तत्कालीन प्राचार्य ने हॉस्टलों में अधिक बिल आने पर पत्र व्यवहार केडीईएल से किया गया था, लेकिन भेजे गए पत्र के बाद भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। कई बार पत्र व्यवहार किए, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इस कारण कॉलेज प्रशासन भुगतान नहीं कर सका। क्योंकि जो मीटर नम्बर रेकॉर्ड में उपलब्ध है, वो मीटर संख्या के बिल हमें नहीं मिल रहे हैं। अब केडीईएल के समझौता समिति में जाने का फैसला लिया है। वहां बिजली की राशि निर्धारित करवाकर उसे किस्तों में जमा करवा दिया जाएगा।
Source: Education