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पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगी लूणकरनसर झील

लूणकरनसर. प्रवासी पक्षी कुरजां की शरणस्थली लूणकरनसर झील के भी अब दिन फिर सकते हैं तथा झील को वेटलैंड के साथ पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने को लेकर संभागीय आयुक्त नीरज के पवन ने शुक्रवार को लूणकरनसर का दौराकर प्रशासनिक अधिकारियों व वन विभाग के अधिकारियों के साथ चर्चा कर निर्देश दिए।

संभागीय आयुक्त नीरज के पवन शुक्रवार को बीकानेर डीएफओ रंगास्वामी ई, उपखण्ड अधिकारी राजेन्द्र कुमार भींचर, राजस्व तहसीलदार रामनाथ शर्मा, क्षेत्रीय वन अधिकारी कपिल चौधरी समेत प्रशिक्षु वन अधिकारी दीपकङ्क्षसह व पूजा पंचारिया के साथ लूणकरनसर झील को देखा।

यहां प्रवासी पक्षी कुरजां समेत अन्य प्रवासी पक्षियों को लेकर जानकारी ली तथा झील के संरक्षण व पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने को लेकर अधिकारियों के साथ चर्चा की गई। इस मौके पर संभागीय आयुक्त के. पवन ने झील को वेटलैंड (आद्र्रभूमि) घोषित करवाने का प्रस्ताव तैयार करने के लिए वन विभाग व प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए। झील को पर्यटन स्थल बनाने के लिए वॉच टॉवर बनाने व भ्रमण पथ गार्डन बनाने के लिए प्रस्ताव बनाकर काम शुरू करने के मुद्दे को लेकर क्षेत्रीय वन अधिकारी कपिल चौधरी को निर्देश दिए। इसके बाद संभागीय आयुक्त के. पवन ने वन विभाग की 264 आरडी की नर्सरी का निरीक्षण किया।

गौरतलब रहे कि लूणकरनसर की नमक झील में सर्दी की दस्तक के साथ विदेशी पक्षियों का आगमन शुरू हो जाता है। इन दिनों यहां देशी-विदेशी पक्षियों का कलरव गूंजता रहता है। इससे वातावरण मनोरम बना हुआ है। झील को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने से पर्यावरण संरक्षण के साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।



Source: Education