सिलेण्डर पर लगेगा क्यूआर कोड, अब नहीं हो सकेगी गैस की चोरी
छिंदवाड़ा. गैस उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर है. अगले छह माह में रसोई गैस सिलेण्डर पर क्यूआर कोड नजर आने लगेंगे। इस कोड से 14.2 किलोग्राम के सिलेण्डर में एक-दो किलो गैस कम या चोरी होने की उपभोक्ताओं की शिकायतें दूर होंगी। इसके साथ ही सिलेंडर की बॉटलिंग से लेकर डिस्ट्रीब्यूशन तक की प्रक्रिया पारदर्शी होगी।
छिंदवाड़ा जिले में इस समय 4 लाख से अधिक परिवारों के पास रसोई गैस सिलेण्डर है, जिनकी रिफलिंग 41 एजेंसियां कर रही है। इस दौरान अक्सर उपभोक्ता सिलेण्डर में एक-दो किलो गैस कम निकलने और सिलेण्डर के तय समय से पहले ही खत्म हो जाने की शिकायत करते हैं। पूरे देश में यह शिकायत होने पर केंद्र सरकार ने क्यूआर कोड लगाने का निर्णय लिया है।
वर्तमान में 1076 रुपए में गैस सिलेण्डर
छिंदवाड़ा में इस समय गैस सिलेण्डर रिफलिंग का मूल्य औसत 1076 रुपए है। इस सिलेण्डर की लाइफ 15 साल की होती है। इसकी पहली टेस्टिंग 10 साल तथा दूसरी 5 साल पूरे होने पर की जाती है।
अभी तक यह नहीं पता चल पाता था कि किस डीलर ने गैस सिलेंडर को कहां से निकाला और किस डिलीवरी मैन ने उसकी डिलीवरी ग्राहक के घर पर की थी। मगर क्यूआर कोड लगने के बाद सभी चीजों की ट्रैकिंग बहुत आसान हो जाएगी। इससे चोरी आसानी से पकड़ी जा सकेगी। लोगों के मन का संदेह दूर होगा।
नए गैस सिलेंडर में क्यूआर कोड मैन्यफैक्चरिंग के समय ही डाला जाएगा। वहीं गैस सिलेंडर में क्यूआर कोड के मेटल स्टीकर को चिपकाया जाएगा। यह एक तरह का बारकोड होता है, जिसे मोबाइल डिवाइस से खोला जा सकता है। क्यूआर कोड एक तरीके से हर एलपीजी सिलेंडर का आधार कार्ड होगा। इससे एलपीजी सिलेंडर की बॉटलिंग से लेकर डिस्ट्रीब्यूशन तक की प्रक्रिया पारदर्शी होगी। क्यूआर कोड के जरिए ग्राहक सिलेंडर के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर सकेंगे। उदाहरण के लिए, सिलेंडर को कहां रिफिल किया गया है। उसका डिस्ट्रीब्यूटर कौन है और सिलेंडर से संबंधित कौन से सुरक्षा परीक्षण किए गए हैं।
महत्वपूर्ण तथ्य
जिले में कुल परिवार-529607
सामान्य गैस कनेक्शन-239973
उज्जवला गैस कनेक्शन-223456
जिले में गैस एजेंसियां-41
Source: Education