fbpx

क्लाइमेंट चेंज का असर: 10 साल से नवंबर में गर्म हो रहा मालवा, इस साल हिमालय से सीधी आ रही ठंडी हवा कंपकंपाएगी

इंदौर. देश-दुनिया में हो रहे क्लाइमेट चेंज का असर मालवा की सर्दी पर भी पड़ा है। मानसून जाने के बाद सामान्य तौर पर अक्टूबर तपन भरा महीना होता है। नवंबर से वातावरण में ठंडक घुलना शुरू हो जाती है। लेकिन, साल 2010 के बाद से इसमें बदलाव महसूस हो रहा है। इस साल नवंबर में यह स्थिति बदली है।

20 दिनों में पारा आधे से ज्यादा दिन सामान्य या इसके आसपास रहा। न्यूनतम तापमान में भी कमी दर्ज की गई है। यह अंतिम सप्ताह तक जारी रहने की संभावना है। तापमान 10 डिग्री या इससे नीचे तक भी गिरने की संभावना जताई जा रही है। रविवार को न्यूनतम पारा 12.1 और अधिकतम पारा 26 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। दोनों सामान्य से क्रमश 2 और 4 डिग्री कम है।

न्यूनतम का अंतर बढ़ गया

साल 2000 के बाद से मालवा के मौसम में बदलाव महसूस हो रहा है। यह स्थिति 2010 के बाद से तेजी से बदली है। बीते 12 साल के न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी देखी गई है। इस दशक में नवंबर का न्यूनतम पारा 12 से 14 डिग्री के बीच दर्ज हो रहा है। जबकि, इससे पहले के सालों में यह 9 से 12 डिग्री के बीच रहता था। नवंबर के पूरे माह के तापमान को भी देखें तो दोनों दशकों में बड़ा अंतर आया है। नवंबर में स्वेटर निकलने वाली सर्दी आखिरी के कुछ दिनों में महसूस होती है। जबकि, पूर्व में ऐसी स्थिति शुरुआत से ही बनने लगती थी। माह का तापमान सामान्य से 2-3 डिग्री का उतार-चढ़ाव होता था। बीते 12 सालों में यह अंतर बढ़कर 3 से 5 डिग्री तक पहुंच गया है।

मौसम विशेषज्ञों का कहना है, क्लाइमेट चेंज का असर निश्चित रूप से मालवा की गुलाबी सर्दी और गुनगुनी धूप पर आया है। वातावरण ज्यादा गर्म महसूस हो रहा है। इस साल नवंबर में इसमें कुछ बदलाव देखा गया, जिसकी मुख्य वजह ऊपरी हवा के पेटर्न में आया बदलाव है। इस साल हवाएं हिमालय से सीधे प्रदेश में आ रही हैं। इससे वातावरण ज्यादा सर्द बना हुआ है।

हिमालय से सीधी आ रही हवा

मौसम विशेषज्ञ डीपी दुबे का कहना है, इस साल मानसून अक्टूबर तक सक्रिय रहा। इससे देर से शुरू होने वाली सर्दी जल्द शुरू हो गई। दूसरा हवा का पेटर्न भी इस बार बदला हुआ है। सर्दी में हवा अफगानिस्तान से पंजाब के रास्ते आती है। आम तौर पर यह उत्तर-पश्चिमी हवा उप्र-उड़ीसा से मप्र में आती है। इस साल प्रतिचक्रवाती असर से पेटर्न में बदलाव हुआ है। हवा हिमालय की ओर से सीधी आ रही है। गति भी तेज है। इससे पारे में गिरावट के साथ दिन में भी ज्यादा सर्दी महसूस हो रही है। वहीं, दशक में न्यूनतम तापमान में हो रहे बदलाव का बड़ा कारण क्लाइमेंट में बदलाव, प्रदूषण और जंगलों की कटाई होना है।

नवंबर में न्यूनतम पारा

2000 से 2010 तकवर्ष न्यूनतम तापमान

2000 10.82001 9.3

2002 11.22003 13.0

2004 9.02005 9.8

2006 10.22007 9.0

2008 9.82009 9.8

2010 14.6

2011 से 20212011 13.6

2012 11.72013 10.5

2014 13.42015 13.8

2016 12.02017 11.0

2018 12.82019 14.2

2020 12.02021 12



Source: Education