मणिपुर हिंसा में नष्ट हुए मंदिरों की विहिप ने जारी की सूची, कहा – मंदिरों के पुनर्निर्माण में आगे आएं हिंदू
मणिपुर हिंसा ने देश के सभी लोगों का चौंका दिया। केंद्र सरकार ने इस हिंसा को रोकने में राज्य सरकार की बहुत मदद की। पर मेतेई समाज और कुकी अतिवादियों की हिंसा के बीच बहुत सारे मंदिरों को तोड़ा गया। इस पर विश्व हिंदू परिषद ने अपनी नाराजगी जताते हुए, राज्य सरकार से कहा मणिपुर में हिंसा के बाद शांति जिनी जरूरी है, उतना ही आवश्यक है मंदिरों का पुनर्निर्माण। विहिप ने मणिपुर हिंसा में नष्ट किए गए मंदिरों की सूची जारी करते हुए इन मंदिरों के पुनर्निर्माण को जरूरी बताया है। विहिप के राष्ट्रीय महासचिव मिलिंद परांडे ने मणिपुर में मेतेई समाज और उनके पूजा स्थलों पर कुकी अतिवादियों पर भीषण हमला करने का आरोप लगाते हुए सोमवार को इसकी कड़ी निंदा की है। मणिपुर की पहाड़ियों में तोड़े गए मैतेई समाज के कुछ भव्य मंदिरों की जि़लेवार संक्षिप्त सूची जारी करते हुए, विहिप के राष्ट्रीय महासचिव मिलिंद परांडे ने आगे कहा वे पहले से ही प्रभावित लोगों की सेवा कर रहे हैं। और अब हिंदू समाज को इन मंदिरों के पुनर्निर्माण के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने क्षेत्र में शांति की अपील की। सिर्फ चर्चों पर हमले किए गए हैं इस झूठी कहानी फैलाने वालों को चेताया।
11 बड़े मंदिरों की सूची जारी की
विहिप राष्ट्रीय महासचिव मिलिंद परांडे ने नष्ट किए गए 11 बड़े मंदिरों की सूची की। साथ्ज्ञ ही कहा कि तेंगौपाल और मोरे के 4 मंदिर, तिपाईमुख (चूरचानपुर) के 3 और चिंगोई चिंग (इंफाल पूर्व) के 4 मंदिर हिंसा की भेंट चढ़ गए हैं। और इनके अलावा भी बहुत सारे मंदिर हिंसा का शिकार हुए हैं।
क्षतिग्रस्त और खंडित मंदिरों के पुनर्निर्माण में मदद करे हिंदू समाज
मिलिंद परांडे ने यह भी कहा दो समुदायों के बीच हुई दुर्भाग्यपूर्ण झड़पों के दौरान कई राजकीय संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया गया। अब हिंदू समाज को क्षतिग्रस्त और खंडित मंदिरों के पुनर्निर्माण के लिए आगे आने की जरूरत है।
देश-विरोधी तथा समाज-विरोधी तत्वों पर लगाम कसें
विहिप ने अपील की कि शांति और संयम बरता जाए और देश विरोधी तथा समाज विरोधी तत्वों पर लगाम लगाई जाए। उन्होंने क्षेत्र में शांति भंग करने की कोशिश करने वाले तत्वों और संगठनों को भी नियंत्रित किए जाने की मांग की।
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Source: National