आंखे देखती ही नहीं बल्कि मनोभावों को भी व्यक्त करती हैं
<img class=”img-responsive img-w855x450 mt-top mt-bottom” alt=”Eye therapy : Cataract surgery in rewa” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2019/12/13/rw1321_5499582-m.jpg”>
रीवा. लायंस नेत्र चिकित्सालय रीवा में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कमिश्नर डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने कहा, नैतिक मूल्यों के इस दौर में लायंस क्लब द्वारा समाज सेवा के अनुष्ठान का विपरीत परिस्थितियों में भी संकल्प बना हुआ है जो सराहनीय कदम है। उन्होंने कहा कि आंखों के बिना दुनिया की खूबसूरती अर्थहीन है। आंखे सिर्फ देखती ही नहीं है बल्कि मनोभावों को भी व्यक्त करती हैं, आंखों से बड़ी कोई तराजू नहीं हो सकती है।
दुर्घटनाओं में खो देते हैं आंखे
कई बच्चे जन्म से और कई लोग दुर्घटना में अपनी आंखे खो देते हैं ऐसे कई कारण है जिससे आंखों की रोशनी जाने का खतरा बना रहता है। इन सब के प्रति सुरक्षा रखें ताकि खूबसूरत दुनिया को हमारी आंखे देख सकें। उन्होंने कहा कि कुछ लोग अज्ञानतावश मोतियाबिंद का समय पर इलाज नहीं कराते हैं अत: लोगों को बिना किसी हिचक और डर के मोतियाबिंद का ऑपरेशन करा लेना चाहिए।
लायंस क्लब ने इस दिशा में अच्छा कार्य किया
लायंस क्लब इस दिशा में अच्छा कार्य कर रहा है। बहुत से लोग नेत्रदान करना चाहते हैं लेकिन जानकारी के अभाव की वजह से नहीं कर पाते हैं। इसके लिए आवश्यक जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रचार-प्रसार करना बहुत जरूरी है। हमें नेत्रदान करने के लिए अवैज्ञानिक और निराधार धारणाओं को तोडऩे की आवश्यकता है। कमिश्नर ने कहा कि बच्चों को भी अपने माता-पिता की सेवा हर संभव परिस्थितियों में करना चाहिए। इसी तरह कार्य करते रहे।
मरीजों को वितरित की दवाएं-फल
े कश्मिनर ने मरीजों को दवाइयां एवं फल वितरित किए। उन्होंने चिकित्सालय का निरीक्षण भी किया। कार्यक्रम में लायंस क्लब के चेयरमेन डॉ. एके तिवारी एवं वायस चेयरमेन डॉ. एके खान ने भी अपने विचार व्यक्त किया। डॉ. खान ने कहा कि इस नेत्र चिकित्सालय में अभी तक 19 हजार 64 मोतियाबिंद के ऑपरेशन किये जा चुके है। चिकित्सालय में प्रतिवर्ष 1200 से अधिक ऑपरेशन किए जा रहे हैं।
Source: Education