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खराब नींद की आदतें बन सकती हैं दिल की बीमारी की वजह, जानिये कैसे

Healthy Habits : बदलता वर्क कल्चर, मोबाइल फोन और अन्य गैजेट्स का लगातार उपयोग, OTT प्लेटफॉर्म्स पर बिंज वाचिंग, नाईट पार्टी कल्चर और लम्बे वर्क हावर्स के चलते हामरी नींद कहीं गुम हो गयी है। नींद का छिन जाना हमारे शरीर के स्वस्थ से सीधा सम्बन्ध रखता है। जैसे जैसे सोने की आदतों में बदलाव आते हैं वैसे ही उन अन्हेल्दी बदलाव के परिणाम भी सामने आते हैं। बेसमय या कम समय तक सोने से हमारी सेहत पर बुरा असर पड़ता है। कई स्टडीज में बताया गया है की असामान्य नींद का असर हमारे फिजिक, मेन्टल, प्स्य्कोलॉजिकल और इमोशनल हेल्थ पर पड़ता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन में पब्लिश हुए एक स्टडी के अनुसार असामान्य नींद की अवधि और कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के बढ़ते रिस्क जैसे अनहेल्दी लिविंग और डेथ, का गहरा सम्बन्ध है। नेशनल स्लीप फ़ाउंडेशन द्वारा रिव्यु के अनुसार हमें हर रात 7 से 9 घंटे की नींद लेनी चाहिए। वहीं अमेरिकन एकेडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन (AASM) और स्लीप रिसर्च सोसाइटी (SRS) ने हैल्थी लाइफ के लिए कम से कम 7 या उससे अधिक घंटों की नींद के लिए कहा है।

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Lifestyle : मेडिकल स्टडी के अनुसार रोजाना रात को 7 घंटे से कम सोना अन्हेल्थी लाइफस्टाइल की निशानी है। इससे कई हेल्थ और हार्ट प्रोब्लेम्स हो सकते हैं जिसमें वजन बढ़ना, मोटापा, डाइबटीज और हार्ट डिजीज जैसे कई रोग शामिल हैं। आइए जानते हैं किस तरह नींद की कमी से हार्ट पर पड़ता है असर।

Sleepless Nights Cause Blood Pressure : नींद की कमी या डिस्टर्बड नींद होने के कारण रात को सोते समय हमारा ब्लड प्रेशर नीचे नहीं आता है। इसे नॉन-डिपिंग कहते हैं। स्टडीज के अनुसार अगर रात को ब्लोड्ड प्रेशर नीचे नहीं आता है तो यह ह्यपरटेंशन (हाई ब्लड प्रेशर ) का संकेत है। नॉन-डिपिंग से स्ट्रोक और हार्ट अटैक दोनों होने का रिस्क बढ़ जाता है। जो लोग देर रात तक काम करते हैं और अपनी नींद पूरी नहीं करते उनमें इन बीमारियों का रिस्क अधिक है।

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ZZZZZ to Avoid Coronary Heart Disease : नींद की कमी से कोरोनरी हार्ट डिजीज होने का रिस्क रहता है , यहां तक ऐसा माना जाता है की इसका सम्बन्ध नींद की कमी से हो रहे ब्लड प्रेशर और ह्यपरटेंशन से हैं। हाइपरटेंशन हमारी आर्टरीज को कमजोर कर देता है जिससे हार्ट में ब्लड सप्लाई सही तरह से नहीं होती और यह हार्ट डिजीज का कारण हो सकता है।

Sleep-Heart Failure Connection : खुद को हर तरह डिस्ट्रक्शन -कोई आवाज़, टीवी, मोबाइल फोन, से दूर कर लें। : उस अध्ययन में, जो लोग प्रति रात सात घंटे से कम सोते थे उनमें दिल की विफलता का उच्च जोखिम था। दिल की विफलता उन लोगों में भी अधिक आम थी जिनके पास अस्वास्थ्यकर नींद के अन्य संकेतक थे जिनमें अनिद्रा के लक्षण, दिन के समय नींद आना, खर्राटे लेना और शाम का व्यक्ति होना शामिल था। अस्वास्थ्यकर नींद के इन लक्षणों में से एक व्यक्ति के पास जितना अधिक होगा, हृदय की विफलता की संभावना उतनी ही अधिक होगी।

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Heart Attack and Sleep Deprivation : नींद की कमी से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। एक स्टडी के अनुसार छह घंटे से कम सोने वाले लोगों में दिल का दौरा पड़ने की संभावना 20% अधिक बताइ गयी।

Snooze to Save Your Heart Beat : नींद की कमी, अचानक जागना, टुकड़ों में नींद लेना इन सभी से हार्ट बीट बढ़ सकती है। जर्नल स्लीप मेडिसिन रिव्यूज की एक स्टडी और कई रिसर्च के अनुसार जिन लोगों को नींद से जुडी प्रोब्लेम्स है उन्हें इर्रेगुलर हार्टबीट की शिकायत होने की संभावना अधिक होती है।

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Sleep Tight, Heart Right : हेल्दी लाइफस्टाइल और अच्छी हेल्थ के लिए यह जरूरी है कि हम नियमित रूप से सोने और जागने का समय निर्धारित करें। एक्सपर्ट्स का मानना है की रात को सोने के लिए कम से कम सात और ज्यादा से ज्यादा आठ घंटे का समय काफी है। एक अच्छी स्लीप साइकिल के लिए आवश्यक है की हम रोज, सप्ताह के सातों दिन (वीकेंड्स पर भी) एक निश्चित समय पर सोने जाएं। सोने से पहले खुद को हर तरह डिस्ट्रक्शन -कोई आवाज़, टीवी, मोबाइल फोन, से दूर कर लें।

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Source: Lifestyle