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बच्चाें की सेहत के लिए जरूरी है आयरन का पाेषण, एेसे करें पूर्ति

ज्यादातर लोग अपने नौनिहालों को दाल का पानी, दूध आदि देते हैं लेकिन आयरन युक्त डाइट ( iron diet ) पर फोकस नहीं करते। जबकि आयरन दिमाग-शरीर की मजबूती के लिए जरूरी है। शिशु रोग विशेषज्ञाें के अनुसार 11 से अधिक उम्र के लड़के को 11 मिग्रा. व लड़की को 15 मिग्रा. रोजाना आयरन जरूरी है।

इसलिए जरूरी आयरन
आयरन ब्लड में हीमोग्लोबिन ( Hemoglobin ) का स्तर बढ़ाकर ऑक्सीजन की विभिन्न अंगों तक पहुंचने की क्षमता बढ़ाता है। आमतौर पर आयरन की कमी से लाल रक्त कोशिकाएं बहुत कम बनती हैं। इससे ऊतकों व अंगों तक जरूरत के मुताबिक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती।

लौह की कमी हो जाए तो
आयरन की कमी का असर मांसपेशियों और दिमाग पर होता है। इससे थकान, भूख न लगना, कमजोरी व त्वचा पीली दिखाई देती है। खासकर हाथ, नाखून व आंखें। बच्चा चिड़चिड़ा व सुस्त रहता है। ऐसे में वे कई बार पेंट, चॉक या मिट्टी खाने लगते हैं।

विटामिन-सी ज्यादा दें
हरी पत्तेदार सब्जियां, बीन्स, फल, मुनक्का, किशमिश और सूखे मेवे बच्चों को खिलाएं। विटामिन-सी शरीर में आयरन का अवशोषण सामान्य करता है। इसके लिए टमाटर, ब्रोकली, संतरे का जूस, स्ट्रॉबेरी आदि लें। आयरन के लिए सेब, दाल, पालक, चुकंदर, शहद, खजूर, अनार बच्चों को दे सकते हैं।

हर उम्र की अलग है जरूरत
ब्रेस्टफीडिंग से 4-6 माह तक बच्चे को आयरन ( iron diet ) मिलता है। जिन्हें नहीं मिल पाता उन्हें डॉक्टरी सलाह से आयरन ड्रॉप्स या आयरन युक्त फॉर्मूला दूध देते हैं। 7-12 माह के शिशु को रोज 11 मिग्रा., 1-3 उम्र वाले को रोज 7 मिग्रा., 4-8 उम्र वाले बच्चों को 10 मिग्रा. व 9-13 साल के बच्चों को हर दिन 8 मिलीग्राम आयरन जरूरी है।

Source: Health

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