fbpx

इंडोनेशिया: जंगल बचाने का संदेश देने के लिए शख्स ने उल्टे पांव तय किया 800 किमी का सफर

जकार्ता। दुनियाभर के कई देशों के जंगलों में भीषण आग लगी है। आलम यह है कि सरकारी तंत्र भी इस आगम को बुझाने में नाकाम साबित हो रहे हैं। साइबेरिया और अमेजन के जंगलों में लगी आग से भारी नुकसान हुआ है। हालांकि आग बुझाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

जंगलों को बचाने और उनके संरक्षण को लेकर हर देश में कानून बने हैं। समय-समय पर जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है और जंगल के महत्व के बारे में बताया जाता है।

इन सबके बीच एक ऐसी खबर सामने आई है जिसने सबको हैरान कर दिया है। इंडोनेशिया के एक व्यक्ति ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के लिए शुक्रवार को पूर्वी जावा के अपने गांव से राजधानी जकार्ता तक लगभग 800 किलोमीटर की दूरी उल्टे पांव चलकर पूरी की।

Video: स्पेन की जंगल में बड़ा हादसा, 900 हेक्टेयर जमीन आग की चपेट में

43 वर्षीय मेदी बस्तोनी वनों की कटाई को रोकने के लिए जागरूकता लाने और अपने गृह प्रांत में एक जंगल को बचाने के लिए सरकार की मदद चाहते हैं। इस काम के लिए उन्होंने अनूठा तरीका अपनाते हुए अविश्वसनीय यात्रा पूरी की।

बस्तोनी के यात्रा पूरी करते ही उन्हें देखने के लिए उत्सुक लोगों की भीड़ जमा हो गई। इनमें स्वयंसेवक समूह इंडोनेशियन एस्कॉट्रिंग एम्बुलेंस के सदस्य भी थे, जिन्होंने इस यात्रा के दौरान उनकी मदद की। चार बच्चों के पिता बस्तोनी को इस कठिन पैदल यात्रा में एक महीने का समय लग गया, जिसकी समाप्ति पर वह खुश दिखाई दिए।

indonesia.jpg

बस्तोनी ने लोगों से जंगल बचाने की अपील की

बस्तोनी ने कहा कि उन्होंने नष्ट हुए जंगलों को फिर से आबाद करने के लिए जकार्ता में सरकार से अपील की थी मगर सरकार ने इस पर कोई खास ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि उनकी इस यात्रा से उन्हें उम्मीद है कि लोग इसके प्रति जागरूक होंगे और उन्हें इसमें सहयोग करने के लिए प्रेरित किया जा सकेगा।

अपनी यात्रा के आखिरी चरण के दौरान वह खेल एवं युवा मंत्री इमाम नहरावी से मिले। इस दौरान उन्होंने मंत्री से पूर्वी जावा प्रांत में स्थित माउंट विल्स पर जंगल के पुनर्विकास में मदद की अपील की।

VIDEO: साइबेरिया और पूर्वी रूस के जंगल में लगी भीषण आग बुझाने में जुटे अधिकारी

मंत्रालय के बाहर आयोजित हुए एक समारोह में नहरावी ने बस्तोनी को एक पौधा दिया, जिसे वह अपने गांव लेकर जाएंगे। उन्होंने इसे विल्स में जंगल के उत्थान का प्रतीक माना।

बस्तोनी के गांव के पास वाले क्षेत्र में आगजनी की घटनाओं के साथ ही अवैध कटाई होने के कारण हरियाली को काफी नुकसान हुआ है। इसी की भरपाई के लिए बस्तोनी संघर्ष कर रहे हैं।

बस्तोनी के अनुसार, क्षेत्र में वनों की कटाई से पानी की कमी हो गई है और कृषि और पशुपालन पर निर्भर कई निवासियों की आजीविका प्रभावित हुई है।

Read the Latest World News on Patrika.com. पढ़ें सबसे पहले World News in Hindi पत्रिका डॉट कॉम पर. विश्व से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर.


Source: World

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *